भ्रष्टाचार बढ़ रहा यों ,ज्यों सुरसा का विस्तार |
नेताओं की माया से भगवान भी गया हार ||
अग्निमुखी,कलियुगी देव सब चट कर जाते हैं |
बड़े चाव से चारा और कोयला खाते हैं ||
बेशर्मी भी इन बेशर्मों से शरमाती है |
हिन्स्रपशु से भी निकृष्ट धनपशु की जाति है ||
चहुंमुखी प्रगति के बावजूद छाई अमावस्या है |
भ्रष्टाचार बना है क्योंकि बड़ी समस्या है ||
जब चुनाव में लाखों रुपये खर्च करेंगे लोग |
खुलकर हो काले धन का निर्वाचन में उपयोग ||
क्यों फिर भ्रष्टाचार बने ना महाभयानक रोग |
क्योंकि जीतने पर अपनी ही जेब भरेंगे लोग ||
कम खर्चीले हों चुनाव , इसलिए जरुरी है |
वरना भ्रष्टाचार यहाँ समझो मज़बूरी है ||
नेताओं की माया से भगवान भी गया हार ||
अग्निमुखी,कलियुगी देव सब चट कर जाते हैं |
बड़े चाव से चारा और कोयला खाते हैं ||
बेशर्मी भी इन बेशर्मों से शरमाती है |
हिन्स्रपशु से भी निकृष्ट धनपशु की जाति है ||
चहुंमुखी प्रगति के बावजूद छाई अमावस्या है |
भ्रष्टाचार बना है क्योंकि बड़ी समस्या है ||
जब चुनाव में लाखों रुपये खर्च करेंगे लोग |
खुलकर हो काले धन का निर्वाचन में उपयोग ||
क्यों फिर भ्रष्टाचार बने ना महाभयानक रोग |
क्योंकि जीतने पर अपनी ही जेब भरेंगे लोग ||
कम खर्चीले हों चुनाव , इसलिए जरुरी है |
वरना भ्रष्टाचार यहाँ समझो मज़बूरी है ||
सही लिखा है आपने, काफी दिनों बाद आपकी पोस्ट आई अच्छा लगा आभार।
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