बुधवार, 20 जुलाई 2011

प्रसव पीड़ा

जिन्होंने उगाये नहीं वृक्ष
वे क्या जाने माली की व्यथा
अनगिनत वर्षों की कड़ी तपस्या
निरंतर धूप में झुलसने की पीड़ा
छाँव में बैठने की इच्छा आकांक्षा/
वे क्या जाने?बीज की टूटन,स्फुटन,
पुनर्जन्म की कथा;खुद के मर जाने की व्यथा/वे क्या जाने?
जिन्होंने उगाये नहीं वृक्ष।
-डा.श्याम विहारी पराशर,ग्वालियर

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